सीता फाल्स के पास मिला सीता जी का पदचिन्ह
नितीश प्रियदर्शी
हाल ही में मुझे रांची के पास सीता फाल्स से दो किलोमीटर दूर जंगल में एक छोटी पहाड़ी के ऊपर मंदिर देखने का मौका मिला। मान्यता के अनुसार उस मंदिर के अंदर चट्टान पर सीता जी का पदचिन्ह है जो श्री राम जी की पत्नी थीं । ये नाम कहां से पड़ा इसकी सही जानकारी नहीं है। ऐसा लगता है की जैसे बहुत पहले लोगो ने किसी की याद में या किसी देवी की याद में उस पदचिन्ह का निर्माण किया होगा जो अब अपरदित हो चुका है। अपरदन की स्थिति को देख के लग रहा ये चिन्ह कई सौ साल पुराना है। इसी मंदिर के बगल में एक प्राचीन कुआँ भी है जो अब भर चुका है और उसमे पेड़ उग आये हैं। सबसे अश्चर्य की बात ये है की उस ऊंचाई पर इस कड़े ग्रेनाइट चट्टान में ये कुआँ कैसे बनाया गया होगा जहाँ मिट्टी की मोटाई भी नाम मात्र की है। उस कुऐं में एक पेड़ पर प्रकृति के द्वारा बनाई हुई एक अजीबो गरीब आकृति भी है। रांची के आस पास के जंगलों में कई इस तरह ऐतिहासिक और प्रागैतिहासिक काल के जगह हैं जिनको खोज के उनपर शोध करने की जरुरत है। एक मान्यता के अनुसार झारखण्ड के जंगल का कुछ भाग किष्किंधा के जंगल में आता था। वैसे दक्षिण भारत का हम्पी साम्राज्य किष्किंधा का केंद्र था। Footprint on the granite rocks near Sita falls in Ranchi. According to local people this footprint belongs to goddess Sita. There is an ancient dug well on the granite rocks beside the temple which is now filled up.
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