’हो’ एवं संताल भाषा के नौ पुस्तकों का लोकार्पण

राची: झारखंड राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने 22 फरवरी को राजभवन में कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘हो’ एवं संताल भाषा के नौ पुस्तकों का लोकार्पण किया। जिसमें संताली भाषा की लिपि ‘ओल चिकी’ में 5 एवं हो लिपि ‘वाराड. क्षिति’ 4 पुस्तकें हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने मूल लेखकों एवं उनके लिप्यांतरकर्त्ता को प्रमाण-पत्र एवं शाल देकर भी सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण झारखण्ड राज्य की भाषा एवं संस्कृति अत्यन्त समृद्ध है। भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं सुव्यवस्थित करने की दृष्टिकोण से संताली भाषा की कृतियों को ‘ओल चिकी’ और हो भाषा की लिपि ‘वाराड. क्षिति’ में लिप्यन्तरित करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसमें महती भूमिका का निर्वहन करने वाले सभी विद्वान लेखकों को बधाई देती हूँ, तथा आषा करती हूँ कि ये पुस्तकें हमारे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगी और जनजातीय भाषा विभाग के छात्रों को अपनी लिपि में पुस्तके उपलब्ध हो सकेंगी।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव संतोष कुमार शथपती, राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार आनंद भूषण, राज्यपाल के विषेष कार्य पदाधिकारी राजीव कुमार सिन्हा, आर॰ पी॰ पी॰ सिंह कुलपति कोल्हान विश्वविद्यालय, गुरप्रीत सिंह, कुलपति बिनोवा-भावे विश्वविद्यालय एवं अन्य उपस्थित थे।

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