झारखण्ड निवेश बोर्ड का हो रहा है गठन : मुख्यमंत्री

रांची : मोमेंटम झारखण्ड इन्वेस्टर समिट में किए गए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए झारखण्ड निवेश बोर्ड का गठन किया जा रहा है। इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे तथा उपाध्यक्ष मुख्य सचिव। अध्यक्ष प्रत्येक माह बैठक करेंगे एवं उपाध्यक्ष प्रत्येक सप्ताह। विभागों के प्रधान सचिव/सचिव बोर्ड के सदस्य होंगे। एम0ओ0यू0 को कार्यान्वित करने की दिशा में आने वाली कठिनाईयों को इन बैठकों में त्वरित गति से निष्पादित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी के तर्ज पर जिले स्तर में उपायुक्त की अध्यक्षता में ग्लोबल इंवेस्टर्स कमिटि का भी गटन किया जायेगा, जिसकी मॉनिटरिंग निदेषक, उद्योग द्वारा की जायेगी। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में किए गए 210 एम0ओ0यू0 के विरूद्ध 172 एम0ओ0यू0 को एक साल के अंदर धरातल पर उतारने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है। एम0ओ0यू0 एवं सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्राप्त होने वाले प्रस्तावों के निष्पादन हेतु प्रत्येक विभाग एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त करेंगे। सिंगल विंडो सिस्टम के तर्ज पर ही जिला में डी0आई0सी0 (डिस्ट्रीक्ट इंडस्ट्रीयल सेंटर) कार्य करेगा। जिला उद्योग केन्द्र के पदाधिकारी इसके नोडल पदाधिकारी होंगे। उद्योगों को धरातल पर उतारने हेतु वे जिला स्तर पर इन्वेस्टर एवं संबंधित विभागों के बीच समन्वयक (कोऑर्डिनेटर) की भूमिका निभाएंगे। लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों/कर्मचारियों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। वे आज झारखण्ड मंत्रालय में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में हुए एम0ओ0यू0 के कार्यान्वयन हेतु आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी में भी भारत तेजी से उभरता हुआ अर्थव्यवस्था वाला देश है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निवेशक निवेश करना चाह रहे हैं। उनका अधिक से अधिक निवेश झारखण्ड में हो, इसके लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत है। सरकार की विश्वसनीयता उद्यमी को निवेश के लिए प्रेरित करती है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन से राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय निवेशको में झारखण्ड सरकार की विश्वसनीयता कायम हुई है। केन्द्रीय मंत्रियों एवं उद्योगपतियों ने इस आयोजन की सराहना की है।

श्री दास ने वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के बजट की भी समीक्षा की। 2016-17 में कुल योजना उद्व्यय 36,673.00 करोड़ रूपये के विरूद्ध 20 फरवरी, 2017 तक योजना मद में 25,837.00 करोड़ रूपये व्यय किया गया, जो 70.45 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में फरवरी, 2016 तक योजना मद में 18,981.00 करोड़ रूपये खर्च हुआ था, जो 63 प्रतिशत था। चालू वित्तीय वर्ष में अबतक 15 विभागों द्वारा 60 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च की गई है। 60 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत के बीच 07 विभाग हैं, जबकि 05 विभाग ऐसे हैं, जिनका व्यय 40 प्रतिशत से कम है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में कोषागार से निकासी आदि से संबंधित कठिनाईयों को दूर करने के लिए वित्त विभाग के श्री सुनील कुमार सिन्हा, विशेष कार्य पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। किसी भी तरह की कठिनाई अथवा परेशानी होने पर उनसे सम्पर्क किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित राज्य बनने के लिए हमें योजना मद के शतप्रतिशत राशि का उपयोग करना होगा।
आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट एवं विनियोग विधेयक में माननीया राज्यपाल माहोदया का अनुमोदन प्राप्त हो गया है तथा राज्य योजना प्राधिकृत समिति की बैठक प्रारम्भ हो गई है। दिनांक 20.02.2017 को राज्य योजना प्राधिकृत समिति में कुल 4,009.13 करोड़ रूपये के 38 प्रस्तावों की अनुशंसा की जा चुकी है। 23 फरवरी, 2017 से लेकर 31 मार्च 2017 तक प्रत्येक गुरूवार को अपराह्न 04.00 बजे से राज्य योजना प्राधिकृत समिति की बैठक योजना भवन में की जाएगी, ताकि 01 अप्रैल, 2017 के पूर्व नई योजनाओं की स्वीकृति दी जा सके। श्री दास ने कहा कि बजट में की गई महत्वपूर्ण घोषणा यथा 68000 हजार आदिम जनजाति परिवार को सिल्ड पैकेट में 01 अप्रैल से खाद्यान उपलब्ध कराने की कार्रवाई अभी से प्रारम्भ कर दी जाए। उन्होंने कहा कि यह भी देखने की आवश्यकता है कि पी0एल0 अकांउट की राशि का उपयोग किया जा रहा है या नहीं। योजना मद की राशि के विरूद्ध किए जा रहे कार्यों के भौतिक निरीक्षण का भी निर्देश दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 झारखण्ड के विकास का टर्निंग प्वाईंट है। उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त श्री अमित खरे, सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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