रेनबो ग्रुप के चेयरमैन धीरेन रवानी की गोली मारकर हत्या

धनबाद, 18 अगस्त : रेनबो ग्रुप के चेयरमैन धीरेन रवानी की शुक्रवार की रात नौ बजे गोली मारकर हत्या कर दी गयी। गोली मारने का आरोप धीरेन के भतीजे कुणाल रवानी पर लगी. उसी समय उसकी भी लोगों ने जमकर पिटाई कर दी. हॉस्पिटल में चाचा-भतीजे दोनों की मौत हो गई। घटना धीरेन के पैतृक आवास के पास ही अंजाम दिया गया। धीरेन पैतृक गांव झरिया के भौंरा-गौरखूंटी मनसा पूजा में शामिल होने गये थे. गोली मारने वाला कुणाल रवानी शंकर रवानी का बेटा था.
धीरेन को गोली लगते ही लोग आनन-फानन में उसे गाड़ी में लादकर सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचे. डॉक्टर्स ने धीरेन को मृत घोषित कर दिया. इधर, पुलिस ने कुणाल को लोगों के चंगुल से छुड़ाकर पीएमसीएच भेजा, उसे भी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस को घटनास्थल से एक बैग मिला है, जिसमें 7.65 बोर की तीन गोलियां, पेचकस समेत कई चीजें थीं। मौके से बिना नंबर की एक बाइक भी जब्त हुई है।
बताते हैं कि कुणाल के पिता शंकर रवानी यूपी की एक जेल में बंद है. शंकर पर चिटफंड कंपनी नागमणि के जरिए फर्जीवाड़े का आरोप है. कुणाल की मां बालिका देवी भी धनबाद जेल में बंद है. बालिका पर भी यही आरोप है।
चिटफंड कंपनी के पैसों ने डाली दरार
-धीरेन रवानी और उसके चचेरे भाई शंकर रवानी ने 90 के दशक में धनबाद में नागमणि के नाम से नन बैंकिंग कंपनी स्थापित की। इसी कंपनी से दोनों भाइयों ने अपनी पहचान बनाई.
-बाद में पैसों के विवाद के बाद दोनों भाई अलग-अलग हो गए और यहीं से अदावत की शुरुआत हुई. धीरेन ने शंकर पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई तो शंकर को जेल हुई.
-उसके बाद दुश्मनी और गहरा गई। दोनों भाई एक दूसरे पर कानूनी दांव खेलते रहे. इसी बीच शंकर ने अपने बेटे कुणाल का अगवा होने और उसके बाद धीरेन का हाथ बता जमकर बावेला मचाया.
-महीनों बाद कुणाल वापस आ गया, परंतु दुश्मनी की आग और भड़क चुकी थी. धीरेन अपनी पत्नी पिंकी रवानी, पुत्र निशांत और पुत्री के साथ धनबाद के बैंक मोड़ मीठू रोड स्थित बालाजी कॉम्पलेक्स में रहते थे.

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